सियासत में खलबली: Punjab में Congress को बड़ा झटका! सुनील जाखड़ ने उठा डाला यह बड़ा कदम, लोग बोले- नाराजगी में ऐसा ही होता है...
Sunil Jakhar resigns form Active Politics
पंजाब (Punjab) की सियासत में कांग्रेस (Congress) के अंदर चल क्या रहा है? कुछ समझ ही नहीं आता है| बरहाल, अब पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने खलबली मचा दी है| सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने एक बड़ा कदम उठा डाला है और जाखड़ का यह कदम कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है| दरअसल, सुनील जाखड़ ने अब सक्रिय राजनीति से दूरी बनाने का बड़ा फैसला लिया है| सुनील जाखड़ ने ऐलान कर दिया है कि वह अब सक्रिय राजनीति नहीं करेंगे| वह इससे बाहर जा रहे हैं|
सुनील जाखड़ का पूरा बयान ...
बतादें कि, जब मीडिया द्वारा सुनील जाखड़ से पूछा गया कि उनके बारे में राजनीति से सन्यास लेने की खबरें चल रही हैं तो इसपर जाखड़ ने कहा कि देखिये बात ये है कि अब मैं चुनाव नहीं लड़ रहा| मैं चुनावी राजनीति से बाहर जा रहा हूं| मैं अभी 68 साल का होने वाला हूँ| तो कहीं तो आदमी को ब्रेक लगाना चाहिए| इधर, मीडिया ने कहा कि आपसे भी बुजुर्ग हैं जैसे कैप्टन अमरिंदर सिंह और बादल| जो एक्टिव हैं लेकिन आप छोड़ रहे हैं| इसपर जाखड़ ने कहा कि होंगे.. मैं ये नहीं कहता| और कैप्टन साहब व् बादल साहब का मुकाबला सुनील नहीं कर सकता| मैंने अच्छी पारी खेली है| ऊपर वाले की खूब अनुकंपा मेरे ऊपर रही है| पंजाब और तमाम साथियों व पंजाबियों ठंडी निगाह मेरे ऊपर रही है|
ऐसा कदम उठाने का कारण क्या....
जब मीडिया ने पूछा कि क्या ऐसा करने के पीछे कोई निजी कारण है तो इसपर सुनील जाखड़ ने कहा कि जो भी कारण रहे हैं, जो भी मसले रहे हैं| मेरे अपने मुद्दे हैं| इसके साथ ही मैं आपको बतादूँ कि मैं कांग्रेस से कहीं नहीं जा रहा| मैं कांग्रेस में ही रहूंगा| कांग्रेस की तरफ से जो भी ड्यूटी लगाई जाएगी| मैं उसे निभाउंगा| लेकिन मैं चुनावी राजनीति से बाहर ही रहूंगा|
चन्नी के सीएम बनने पर बोले जाखड़....
जाखड़ ने कहा कि राहुल गांधी ने सारी बातें खुले दिल से की हैं और यह उनका बड़प्पन है| उनकी अच्छी लीडरशिप है| राहुल गांधी ने एक गरीब परिवार के बच्चे के लिए जो किया है, उसे जो पद दिया है| यह कौन करता है| बातें तो सभी करते हैं|
जाखड़ के इस कदम से भारी असर पड़ेगा....
बतादें कि, पंजाब में सुनील जाखड़ की एक बड़े हिन्दू नेता के रूप में पहचान है| इसके अलावा जाखड़ अन्य वर्ग को भी साधने में माहिर हैं| जाखड़ का कुशल और शांत और साफ-सुतरा व्यक्तित्व सब पर अपना असर करता है| ऐसे में जब जाखड़ सक्रिय राजनरीति से दूरी बना रहे हैं तो कहीं इससे कांग्रेस को नुक्सान न हो जाए|
लोग बोले- नाराजगी में ऐसा ही होता है...
इधर, जाखड़ के इस तरह के ऐलान से लोगों के बीच तमाम चर्चाएं हो रही हैं| लोगों का कहना है कि सुनील जाखड़ एक पुराने और मझे हुए नेता हैं और कांग्रेस ने उन्हें फिर भी सीएम चेहरा नहीं बनाया| क्योंकि, जाखड़ एक हिन्दू चेहरा हैं इसलिए| लोगों का कहना है कि सुनील जाखड़ कांग्रेस के इस कदम से अंदर से बेहद आहत हुए हैं और इसीलिए उन्होंने यह कदम उठाया है| बतादें कि, जाखड़ के हिन्दू चेहरे वाली बात राजनीति जगत में भी खूब उठ रही है|
हाल ही में जाखड़ ने सबको चौंका दिया था....
हाल ही में जब जाखड़ चौपाल टाइप एक जनसभा में पहुंचे हुए थे तो यहां अपने संबोधन के दौरान जाखड़ ने कहा था कि मुझे क्या मिला, क्या नहीं| इसका मुझे कोई गम नहीं है| परमात्मा सब ठीक ही करता है| जाखड़ ने इस दौरान कहा कि मैं बता दूं कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के सीएम पद से हटे तो पंजाब के नए सीएम के लिए कांग्रेस के अंदर चुनाव हुआ| जिसमें मुझे 42 विधायकों का वोट मिला| जाखड़ ने कहा कि सुखजिंदर रंधावा को 16 विधायकों का समर्थन मिला, परनीत कौर को 12 विधायकों का समर्थन मिला और नवजोत सिंह सिद्धू को 6 विधायकों का वोट मिला| जबकि चरणजीत सिंह चन्नी को 2 विधायकों का समर्थन मिला| जाखड़ ने आगे कहा कि, इसके बाद मुझे राहुल गांधी ने बुलाया और कहते हैं कि तुम डिप्टी सीएम बन जाओ| मैंने कहा कि नहीं| मैंने डिप्टी सीएम नहीं बनना|
अबोहर सीट से तीन बार विधायक रहे सुनील जाखड़....
सुनील जाखड़ पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के बेटे हैं। 1954 में अबोहर के पंजकोसी गांव में जन्मे सुनील जाखड़ 2002 से 2017 के बीच अबोहर से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं। वहीं, जाखड़ 2017 में अबोहर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार से हार गए थे।
विनोद खन्ना के निधन के बाद ली थी सीट .....
इधर, 2017 में सांसद विनोद खन्ना की मृत्यु के बाद गुरदासपुर लोकसभा सीट से सफलतापूर्वक उपचुनाव लड़ा था। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जाखड़ को गुरदासपुर सीट पर भाजपा उम्मीदवार और अभिनेता सनी देओल के खिलाफ 82,000 से अधिक मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।